tag:blogger.com,1999:blog-6794960031741319531.post3502717846654130892..comments2016-06-22T01:26:23.211-07:00Comments on रॉक-इन-चौक: अन्नदाता रे आंगणै आज भी...Hariish B. Sharmahttp://www.blogger.com/profile/01016007919647306863noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-6794960031741319531.post-54756123731971579302016-06-22T01:26:23.211-07:002016-06-22T01:26:23.211-07:00"भीखाराम बिना इंडा रो केक बणावै। म्हे सोच्यो-..."भीखाराम बिना इंडा रो केक बणावै। म्हे सोच्यो-जद ही भीखाराम चालै है, भुजियों रे भरोसे तो लंका लुट ई जांवती।"......वाह साहब नयो खटकोंSitaram Derashri Bikanerhttps://www.blogger.com/profile/04112115543854499515noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6794960031741319531.post-22577039399482008182011-09-26T02:04:41.774-07:002011-09-26T02:04:41.774-07:00बोत दिन हुग्या है, कोई नयो खडको नहीं आ रियो है। आ...बोत दिन हुग्या है, कोई नयो खडको नहीं आ रियो है। आज 'रॉक इन चौक' री म्हने पाछी याद आई भई साब..। कईं न कईं आवण दो मजेदार खटको..।Vijay Vyashttps://www.blogger.com/profile/05252211213356403563noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6794960031741319531.post-31967270911382194232011-06-22T03:57:40.121-07:002011-06-22T03:57:40.121-07:00भोत खूब कही सा ...ऐ पिज्जा चाऊमीन अर बर्गर बिच में...भोत खूब कही सा ...ऐ पिज्जा चाऊमीन अर बर्गर बिच में घुसे जरूर है पण अभी चायपट्टी अर बी.के स्कुल से दहीबड़ा ने पिछे छोड़न रा सुपना भी नीं ले सके ....क्योंकि पिज्जा चाऊमीन अर बर्गर तो बहाना है नयी पिढ़ी रा घर सु बारै निकल बोल बतल रा अर हंडाई करने रा पण तन अर मन तो आज भी व्यास जी री कचौरी स्युं ही तृप्त हुवै ......घणा रंग आपरी सोच अर लखदाद आपरी खैचळ सारूAashish Purohithttps://www.blogger.com/profile/03484826183761236257noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6794960031741319531.post-26575609749762867072011-06-21T14:01:21.565-07:002011-06-21T14:01:21.565-07:00हा हा हा हा... क्या बात है भई जी। भरपूर मजो आयो। ...हा हा हा हा... क्या बात है भई जी। भरपूर मजो आयो। म्हने तो आज भी कोनी भावे ऐ चाऊमीन, बर्गर और पिज्जा। नोम सुणते ई ईयां लागे, ज्यां के, कोई जीव-जन्तुओं रो नोम है। सूग आवणे रे बाद भी म्हें एक-एक बार फैशन में, दोरा सोरा चाख्या जरूर, पण भाया कोनी भई जी। आपांरें तो चायपटी और मोहता चौक ई ठीक है।Vijay Vyashttps://www.blogger.com/profile/05252211213356403563noreply@blogger.com